सीधे से लोग होंगे वहां पर
सीधे से सपने होंगे
मुस्कुराते चेहरे होंगे
सच्चे से नाते होंगे
खिलखिलाती सी गलियां होंगी
भरे भरे से घर होंगे
अनकही सी दोस्ती होगी
सुलझे से रिश्ते होंगे
मैं मेरा और मुझसे घिरे
ना बेबस से चेहरे होंगे
पक्के से दोस्त होंगे
ना खुशियों पे पहेरे होंगे
कुछ कोस दूर पर काश
सच ये छोटे से सपने होंगे
जहाँ जन्नत से घरोंदे होंगे
फ़रिश्ते से अपने होंगे ..